Unseen Passage for Class 6 Hindi Apathit Gadyansh Solved

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Class 6 Hindi Apathit Gadyansh Unseen Passage

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Apathit Gadyansh for Class 6 pdf with answers
 

अपठित गद्यांश 

भारत की संस्कृति बहुत प्राचीन है| यह त्याग और तपस्या की भूमि है| यहां त्यागी - तपस्वी ऋषि और मुनि हुए हैं| उन्होंने अपने जीवन को संयम और तप से संवारा| लोग उनके जीवन से बहुत प्रभावित हुए| धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी| परिणाम यह हुआ कि ऋषि-मुनियों ने जिन आदर्शो की स्थापना की, वे हमारी संस्कृति के अंग बन गए| हम भोग की बजाय त्याग को महत्व देने लगे| इससे हमारे जीवन में सादगी आई, सच्चाई आई| आज पूरी दुनिया ‘खाओ, पियो और मौज करो’ की नीति पर चलकर प्रदूषण और विनाश को निमंत्रण दे रही है, वहीं भारत त्याग, बचत और कल्याण के मार्ग पर चल रहा है| तभी हमारे देश में महात्मा गांधी जैसे महान नेता हुए| उन्होंने अहिंसा और त्याग के बल पर अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) त्याग से आप क्या समझते हैं?

(ख) भारत में त्याग को महत्व क्यों दिया जाने लगा?

(ग) संसार के अन्य देश किस नीति पर चल रहे हैं?

(घ) भोग की नीति क्या कहती है?

(ड़) अंग्रेजों को भारत से किसने भगाया?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-  

(क) त्याग का अर्थ है- भोग पर नियंत्रण रखना|

(ख) भारत के ऋषि - मुनियों के कारण|

(ग) संसार के अन्य देश ‘खाओ, पियो और मौज करो’ की नीति पर चल रहे हैं|

(घ) भोग की नीति कहती है- ‘खाओ, पियो और मौज करो’|

(ड़) महात्मा गांधी ने अंग्रेजो को भारत से भगाया|

Apathit Gadyansh for Class 6

अपठित गद्यांश

आएगा क्या समय, समय जो टला जा रहा |

देखो जीवन व्यर्थ, तुम्हारा चला जा रहा ||

वीरो की भाँति, खड़े हो जाओ अब भी |

करके कुछ जग बीच, बड़े हो जाओ अब भी ||

उद्योगी को कहाँ नहीं, सुसमय मिल पाता |

समय नष्ट कर , नहीं सुख कोई पता||

आलस ही है करा रहा, ये सभी बहाने|

जो करना हो करो अभी, कल क्या होगा जाने ||

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) कवी किसके विषय में बात कर रहा है ?

(ख) समय नष्ट कर देने से कर देने से क्या मिलता है ?

(ग) आलसी व्यक्ति सदैव क्या करता रहता है ?

(घ) 'परिश्रमी' का विलोम लिखिए?

(ड) प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) कवी समय के विषय में बात कर रहा है |

(ख) समय नष्ट कर देने से दुःख मिलता है |

(ग) आलसी व्यक्ति सदैव बहाने करता रहता है |

(घ) 'परिश्रमी' का विलोम- ‘आलसी’ |

(ड) प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक- ‘समय की पहचान है|’

Discursive Passage Hindi for Class 6

अपठित गद्यांश 

सीमा पर बच्चो  की टोली,

खेले रोज़ प्यार की होली,

वापस लूँ बंदूके गोली|

सिर्फ खिलौने ही दिलवाऊं,

अगर मैं राष्ट्रपति बन जाऊ ||

 

बच्चे बड़े पदों पर होएं,

बड़े-पेड़ बिस्तर में सोएं,

किलकारी की फसलें बोए|

खूब चुटकुले उन्हें सुनाऊ,

अगर मैं राष्ट्रपति बन जाऊ||  

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) कवी बड़े लोंगो के लिए क्या सोचता है ?

(ख) 'किलकारी की फसलों' से कवी का तात्पर्य क्या है ?

(ग) किलकारी की फैसले कैसे उगेगी ?

(घ) 'पद' शब्द का उचित समानार्थी शब्द चुनिए ?

(ड़) प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) कवी सोचता है की बड़े लोगो को बिस्तर पर सोएं |

(ख) 'किलकारी की फसलों' से कवी का तात्पर्य खुशियों की फसलों से है|

(ग)  किलकारी की फैसले हंसने से उगेगी |

(घ) 'पद' शब्द का उचित समानार्थी शब्द- ओहदा|

(ड़)  प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक- 'अगर में राष्ट्रपति बन जाऊ' है|

Apathit Gadyansh for Class 6 with answers

अपठित गद्यांश 

एक काबुलीवाले की कहते है लोग कहानी |

लाल मिर्च को देख भर गया उसके मुँह में पानी ||

सोच, क्या अच्छे दाने है, खाने से बल होगा |

यह जरूर इस मौसम का कोई मीठा फल होगा ||

बोला, लाल लाल, पतली धीमी हो चीज़ अगर खाने की|

तो हमको दो तोल छीमियाँ फ़क़त चार आने की ||

हाँ, यह तो सब खाते है- कुंजड़िन बोली बेचारी |

और सेर भर लाल मिर्च से भर दी उसकी झोली ||

जैसे ही मिर्च जीभ पर रक्खी, उसने जोर दिखाया |

मुँह सारा जल उठा और आँखों में जल भर आया ||

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) काबुलीवाले के मुँह में पानी कब भर आया ?

(ख) मिर्ची देखकर काबुलीवाले ने क्या सोचा ?

(ग) काबुलीवाले ने कितने की छीमियाँ  मांगी ?

(घ) पद्यांश में 'जल' शब्द किस अर्थ के लिए प्रयुक्त हुआ है?

(ड़) पद्यांश के लिए उचित शीर्षक बताइये|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) लाल मिर्च देख कर काबुलीवाले के मुँह में पानी भर आया |

(ख) मिर्ची देखकर काबुली वाले ने सोचा की यह किसी प्रकार का मीठा फल है|

(ग) काबुलीवाले ने चार आने की छीमियाँ मांगी |

(घ) पद्यांश में 'जल' शब्द-  जलन के लिए प्रयुक्त हुआ है |

(ड़) पद्यांश के लिए उचित शीर्षक- मिर्च का मज़ा |

Apathit Gadyansh for Class 6 with questions and answers pdf

अपठित गद्यांश 

मैंने देखा-

एक बड़ा बरगद का पेड़ खड़ा है

उसके नीचे कुछ छोटे-छोटे पौधे

बड़े सुशील विनम्र

देखकर मुझको यूं बोले-

हम भी कितने खुशकिस्मत हैं

जो खतरो का नहीं सामना करते

आसमान से पानी बरसे, आंधी गरजे

बिजली कड़के, आग बरसे

हमको कोई फिक्र नहीं है

एक बड़े की वरद छत्रछाया के नीचे

हम अपने दिन बिता रहे हैं

बड़े सुखी हैं|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) छोटे पौधों का स्वभाव कैसा है?

(ख) पौधे अपने-आप को खुशकिस्मत क्यों मानते हैं?

(ग) किसकी छत्रछाया वरदान जैसी है?

(घ) सुख पाने का क्या तरीका बताया गया है?

(ड़) इस पद्यांश का एक शीर्षक दीजिए|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) छोटे पौधे स्वभाव में सुशील और विनम्र हैं|

(ख) पौधों पर कोई मुसीबत नहीं आती| इसलिए वह अपने-आप को खुशकिस्मत मानते हैं|

(ग) ‘बरगद’ की छाया वरदान जैसी है|

(घ) अपने से बड़ों की कृपा प्राप्त करने से सुख मिलता है|

(ड़) इस पद्यांश का उचित शीर्षक है ‘बरगद और नन्हे पौधे’|

Apathit Gadyansh for Class 6 with questions and answers
 

अपठित गद्यांश 

महात्मा गांधी अपना काम अपने हाथ से करने पर बल देते थे| वे प्रत्येक आश्रमवासी से आशा करते थे कि वह अपने शरीर से संबंधित प्रत्येक कार्य-सफाई तक स्वयं करेगा| उनका कहना था कि जो श्रम नहीं करता है, वह पाप करता है और पाप का अन्न खाता है| ऋषि-मुनियों ने कहा है- बिना श्रम किए जो भोजन करता है वह वस्तुतः चोर है| उनका समस्त अर्थशास्त्र यही बताता था| कि प्रत्येक उपभोक्ता को उत्पादनकर्ता होना चाहिए| उनकी नीतियों की उपेक्षा करने के परिणाम हम आज भी भोग रहे हैं| न गरीबी कम होने में आती है, न बेरोजगारी पर नियंत्रण हो पा रहा है और न अपराधों की वृद्धि को रोकना हमारे वश की बात हो रही है| दक्षिण कोरियावासियों ने श्रमदान करके ऐसे श्रेष्ठ भवनों का निर्माण किया है, जिनसे किसी को भी ईर्ष्या हो सकती है|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए|

(ख) ‘समस्त’ का पर्यायवाची लिखिए|

(ग) महात्मा गांधी चोर किसे कहते थे?

(घ) गांधीजी के अनुसार पापी कौन है?

(ड़) आश्रम में सफाई का काम कौन करता था?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-  

(क) शीर्षक- गांधी जी के श्रम संबंधी विचार|

(ख) संपूर्ण

(ग) बिना श्रम किये भोजन करने वाले को गाँधी जी ने चोर कहा है|

(घ) गांधीजी के अनुसार श्रम ने करने वाला पापी होता है|

(ड़) आश्रम में सफाई का काम सभी लोग स्वयं करते थे| 

Apathit Gadyansh for Class 6 with questions and answers pdf

अपठित गद्यांश 

हर स्वतंत्रता दिवस पर मेरे दादाजी हमारे घर की छत पर तिरंगा फहराया करते थे और हम राष्ट्रीय गीत गाया करते थे| सन 2000 में 15 अगस्त के दिन मैंने यह तय किया कि अपनी 3 साल की बेटी को स्वदेश भक्ति के बारे में सचेत किया जाए|

हमने तिरंगा खरीदने का निश्चय किया| कागज के बने छोटे-छोटे तिरंगे झंडे उस समय भी बेचे जाते थे लेकिन मैं कपड़े का बना हुआ झंडा अपने घर में फिर आना चाहता था| कैंप की एक भी दुकान में मुझे कपड़े का बना हुआ तिरंगा नहीं मिला| एक बुजुर्ग ने बताया कि कपड़े का बना हुआ तिरंगा झंडा सिर्फ स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में ही लहराया जाता है| व्यक्तिगत स्थानों- जैसे घरों में झंडा फहराना कानून के खिलाफ था| मुंबई में भी मैंने कभी किसी घर में तिरंगे को लहराते नहीं देखा था| मेरे दादाजी ने इन कानूनों और अपने उसूलों को तोड़ना कभी सही नहीं समझा लेकिन हमें हमेशा इस बात को लेकर प्रोत्साहित जरूर करते रहते थे| मैंने भी अपने दादाजी की तरह इस बात को लेकर कभी पहल नहीं की|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) भारत का स्वतंत्रता दिवस कब आता है|

(ख) स्वतंत्रता दिवस को क्या हुआ था?

(ग) हमारा राष्ट्रीय गान कौन-सा है?

(घ) तिरंगे में कौन-कौन से रंग हैं?

(ड़) मुंबई में लोग घरों में तिरंगा क्यों नहीं फहराते थे?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को आता है|

(ख) स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत देश आजाद हुआ था|

(ग) हमारा राष्ट्रीय गान ‘जन-गण-मन’ है|

(घ) हमारे तिरंगे में तीन तरह के रंग होते हैं हरा, सफेद और भगवा|(ड़) व्यक्तिगत स्थानों जैसे घरों में झंडा फहराना कानून के खिलाफ था इसलिए मुंबई में लोग घरों में तिरंगा नहीं फहरा थे|

Apathit Gadyansh with multiple choice questions for Class 6

अपठित गद्यांश 

बाबू जी अपने क्षेत्र के दिग्गज रहे हैं| उन्हें हमेशा मान-सम्मान मिलता रहा| अपनी जिंदगी में जो ख्याति मुझे अब मिली है वह बहुत पहले मैं अपने बाबू जी के जीवन में देख चुका हूं| जब मैं उनके साथ कवि सम्मेलनों में जाता था, तब मैं उनके अनगिनत प्रशंसकों से मिलता था| उन्हें सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी रहती थी| लोग उनके ऑटोग्राफ लेने के लिए बेताब रहते थे| बच्चन जी के बेटे के रूप में मेरे इंटरव्यू लिए जाते थे| जब मंच पर घोषणा की जाती थी कि बच्चन जी कविता- पाठ करने वाले हैं तो पूरा पंडाल लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता, लोग उनके दीवाने हो जाते थे|

बाबू जी को हम लोगों की बहुत चिंता रहती थी| इलाहाबाद में बॉयज हाईस्कूल में स्कूल की दीवार पर लकीरे खींचने के अपराध में जब मेरे हाथों पर पहली बार डंडे बरसाए गए, तो बाबू जी का पारा चढ़ गया| उन्होंने मुझे अपनी साइकिल के पीछे बैठाया और साइकिल चलाते हुए स्कूल पहुंचे| वहां जाकर उन्होंने प्रधानाध्यापक से पूछा कि उसने उनके बेटे पर हाथ क्यों उठाया?

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) ‘ख्याति’ का पर्यायवाची लिखिए|

(ख) ‘दिग्गज’ का संधिविच्छेद कीजिए|

(ग) इस गद्यांश के लेखक कौन है?

(घ) कवि-सम्मेलनों में लोग किनके प्रशंसक होते थे?

(ड़) ‘पारा चढ़ने’ का आशय स्पष्ट कीजिए|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) ‘ख्याति’ का पर्यायवाची ‘निंदा’ होता है|

(ख) ‘दिग्गज’ का संधि विच्छेद ‘दिक्+गज’ होता है|

(ग) इस गद्यांश के लेखक ‘श्री अमिताभ बच्चन’ हैं|

(घ) कवि- सम्मेलनों में लोग ‘हरिवंश राय बच्चन’ के प्रशंसक थे|

(ड़) ‘पारा चढ़ने’ का आशय ‘क्रोध’ करना होता है|

Apathit Gadyansh for Class 6
 

अपठित गद्यांश 

जाकिर साहब के बारे में कुछ बातें अविस्मरणीय है| 13 मई, 1967 को राष्ट्रपति का पद संभालते हुए उन्होंने कहा था, “सारा भारत मेरा घर है, मैं सच्ची लगन से इस घर को मजबूत और सुंदर बनाने की कोशिश करूंगा ताकि वह मेरे महान देशवासियों का उपयुक्त घर हो जिसमें इंसाफ और खुशहाली का अपना स्थान हो|” उनकी विनम्रता ऐसी थी कि उन्होंने कहा था, “मैं स्वीकार करता हूं कि हमारी जनता ने इस उच्चतम पद के लिए निर्वाचित करके मुझ पर जो विश्वास प्रकट किया है उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं| यह भावना इस वजह से और भी प्रबल हो जाती है कि भारत के महान सपूत डॉ. राधाकृष्णन के बाद मुझसे पद संभालने के लिए कहा गया| मैं उनके कदमों पर चलने की कोशिश करूंगा, लेकिन उनकी बराबरी कैसे कर सकूंगा?”

एक बार रामलीला में जनता ने उनसे रामचंद्र जी का तिलक करने के लिए कहा| जाकिर साहब खुशी से आए और तिलक किया| इस पर कुछ उर्दू अखबारों ने एतराज जताया| जाकिर साहब ने जवाब दिया, “इन नादानों को मालूम नहीं है कि मैं भारत का राष्ट्रपति हूं| किसी खास धर्म का नहीं|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) ‘अविस्मरणीय’ का क्या अर्थ है?

(ख) ‘सपूत’ का विलोम लिखिए|

(ग) जाकिर हुसैन किस पद पर आसीन हुए?

(घ) जाकिर हुसैन को रामचंद्र का तिलक करते किन लोगों ने उनका विरोध किया?

(ड़) जाकिर हुसैन ने विरोधियों को क्या उत्तर दिया?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) ‘अविस्मरणीय’ का अर्थ है कभी ना भूलने वाला|

(ख) ‘सपूत’ का विलोम शब्द है ‘कपूत’|

(ग) जाकिर हुसैन ‘राष्ट्रपति’ के पद पर आसीन हुए|

(घ) जाकिर हुसैन को रामचंद्र का तिलक करते देख कुछ उर्दू अखबारों ने एतराज जताया था|

(ड़)जाकिर हुसैन ने विरोधियों को उत्तर दिया कि वह भारत के राष्ट्रपति हैं किसी खास धर्म के नहीं|

Discursive Passage Hindi for Class 6
 

अपठित गद्यांश 

जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम-से-उत्तम वस्तु एक बार हंस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी-से-अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है| पुराने लोग कह गए हैं कि हंसो और पेट फुलाओ| हंसी कितने ही कला-कौशलों से भली है| जितना ही अधिक आनंद से हंसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी| एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने कर्मों पर झीखने वाला हेरिक्लेस बहुत कम जिया, पर प्रसन्न मन डेमोक्रीट्स 109 वर्ष तक जिया| हंसी-खुशी का ही नाम जीवन है| जो रोते हैं, उनका जीवन व्यर्थ है| कवी कहता है- ‘जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं?

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक दीजिए|

(ख) शरीर को स्वस्थ रखने का सर्वोत्तम उपाय क्या है?

(ग) आनंदपूर्वक हंसने का क्या लाभ होता है?

(घ) खीझने वाले लोगों का क्या हाल होता है

(ड़) ‘मुर्दादिल’ से क्या आशय है?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक हंसी ही जीवन है|

(ख) शरीर को स्वस्थ रखने का सर्वोत्तम उपाय हंसना है|

(ग) आनंद पूर्वक हंसने से आयु बढ़ती है|

(घ) खीझने वाले लोगों का हाल यह होता है कि वे जल्दी मरते हैं|

(ड़) ‘मुर्दादिल’ से आशय निराश है|

 

Apathit Gadyansh for Class 6
 

अपठित गद्यांश 

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं- सड़क पर ठेला लगाने वाला, दूध वाला, नगर निगम का सफाई कर्मचारी, बस कंडक्टर, स्कूल अध्यापक, हमारे सहपाठी और ऐसे ही कई अन्य लोग| शिक्षा, वेतन, परंपरागत चलन और व्यवसाय के स्तर पर कुछ लोग स्तर कुछ लोग निम्न पर कार्य करते हैं तो कुछ उच्च स्तर पर| एक माली के कार्य को सरकारी कार्यलय के किसी भी सचिव के कार्य से निम्न स्तर का माना जाता है, किंतु यदि यही अपने कार्य को कुशलता पूर्वक करता है और उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करता है तो उसका कार्य सचिव के कार्य से कहीं बेहतर है जो अपने काम में ढिलाई बरतता है तथा अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं करता| क्या आप ऐसे सचिव को एक आदर्श अधिकारी कह सकते हैं? वास्तव में पद महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण होता है कार्य के प्रति समर्पण भाव और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|

(ख) ‘कार्यप्रणाली में पारदर्शिता’ का तात्पर्य क्या है?

(ग) एक माली का कार्य सरकारी सचिव के कार्य से भी बेहतर है, यदि….. पूरा कीजिए|

(घ) ‘बेहतर’ के लिए हिंदी शब्द लिखिए|

(ड़) सरल वाक्य बनाइए-

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-  

(क) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक- ‘काम की महिमा’ है|

(ख)  ‘कार्यप्रणाली में पारदर्शिता’ का तात्पर्य काम करने के प्रति ईमानदारी है|

(ग) माली सचिव की तुलना में कुशलता पूर्वक काम करें|

(घ) ‘बेहतर’ का हिंदी शब्द है - ‘अच्छा’

(ड़) दैनिक जीवन में हम विभिन्न प्रकार के काम करने वाले लोगों से मिलते हैं|

Apathit Gadyansh with multiple choice questions for Class 6
 

अपठित गद्यांश 

परिश्रम को सफलता की कुंजी माना गया है| जीवन में सफलता पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती है| कहा भी है- उद्योगी सिंह पुरुष को लक्ष्मी वरम करती है| जो भाग्यवादी है उन्हें कुछ नहीं मिलता| वह हाथ-पर-हाथ धरे रह जाते हैं| अवसर उनके सामने से निकल जाता है| भाग्य कठिन परिश्रम का ही दूसरा नाम है|

प्रकृति को ही देखिये| सारे जड़-चेतन अपने कार्य में लगे रहते हैं| चींटी को भी पल-भर चैन नहीं| मधुमक्खी जाने कितनी लंबी यात्रा कर बूंद-बूंद मधु जुटाती है| मुर्गे को सुबह बाँग लगानी ही है| फिर मनुष्य को मिली है, विवेक मिला है| वह निठल्ला बैठे तो सफलता की कामना करना व्यर्थ है|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) इस अनुच्छेद का एक शीर्षक दीजिए|

(ख) ‘हाथ पर हाथ धरने’ का आशय क्या है?

(ग) लक्ष्मी किसे कहते हैं ?

(घ) चींटी और मधुमक्खी में क्या समानता है?

(ड़) ‘व्यर्थ’ का अर्थ लिखिए|

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-

(क) इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक परिश्रम- सफलता का आधार है|

(ख) हाथ पर हाथ धरने का आश्य निकम्मा होना है|

(ग) धन की देवी संपत्ति को लक्ष्मी कहा गया है|

(घ) चींटी और मधुमक्खी में यह समानता है कि दोनों दिनभर परिश्रम करती है|

(ड़) ‘व्यर्थ’ का अर्थ होता है- ‘बेकार’|

Discursive Passage Hindi for Class 6
 

अपठित गद्यांश 

कारलाइन एक राजकुमार था| वह संसार-त्यागी हो गया था| वह कहता था कि जो जी से हंसता है, वह कभी बुरा नहीं होता| जी से हंसो, तुम्हें अच्छा लगेगा| अपने मित्र को हँसाओ, वह अधिक प्रसन्न होगा| शत्रु को हँसाओ, तुम से कम घ्रणा करेगा| एक अनजान को हँसाओ, तुम पर भरोसा करेगा| उदास को हँसाओ, उसका दुख घटेगा| निराश को हँसाओ, उसकी आशा बढ़ेगी| एक बूढ़े को हँसाओ, वह अपने को जवान समझने लगेगा| एक बालक को हँसाओ, उसके स्वास्थ्य में वृद्धि होगी| वह प्रसन्न और प्यारा बालक बनेगा| पर हमारे जीवन का उद्देश्य केवल हंसी ही नहीं है, हमको बहुत काम करने हैं| तथापि उन कामों में, कष्टों में और चिंताओं में एक सुंदर आंतरिक हंसी, बड़ी प्यारी वस्तु भगवान ने दी है|

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

(क) संसार-त्यागी का क्या आशय है?

(ख) कौन बुरा नहीं हो सकता?

(ग) हंसी मन में कौन-सा भाव जगाती है?

(घ) हंसी से बूढ़े व्यक्ति पर क्या प्रभाव होता है?

(ड़) हंसी किसकी देन है?

 

उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-  

(क) संसार-त्यागी का आशय सन्यासी है|

(ख) जी से हंसने वाला मनुष्य बुरा नहीं हो सकता|

(ग) हंसी मन में प्रसंता का भाव जगाती है|

(घ) हंसी से बूढ़े व्यक्ति को लगता है की वह जवान हो गया है|

(ड़) हंसी भगवान की देन है|

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