प्रश्न 1. इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन से प्रश्न उठते?
उत्तर- यदि इला जैसी कोई लड़की हमारी कक्षा में दाखिला लेती, तो हमारे मन में प्रश्न उठते के ते काम कैसे करती होगी? इसे किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा?
प्रश्न 2. इस लेख को पढ़ने के बाद की तुम्हरी सोच में कुछ बदलाव आए?
उत्तर- इस लेख को पढ़ने बाद हमारी सोच में यह बदलाव आया के हम अब अपाहिज लोगों को कमज़ोर नहीं समझेंगे और उन्हें भी हर काम करने में कुशल मानेगें|
मैं भी कुछ कर सकती हूँ….
प्रश्न 1. यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो किन-किन कामों में परेशानी आयेगी?
उत्तर- यदि इला हमारे विद्यालय में आए तो उसे निम्नलिखित कामों में परेशानी आएगी-
(क) जल्दी-जल्दी लिखना|
(ख) कोई खेल खेलना|
(ग) कोई सामान उठाना|
प्रश्न 2. उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकते हो?
उत्तर- उसे यह कामों में परेशानी न हो, इसके लिए हम विद्यालय में कुछ सहायक नियुक्त कर सकते है, जो सभियो कामों में इला जैसी छात्रों की सहायता करें|
प्यारी इला…
इला के बारे में पढ़कर जैसे भाव्तुम्हारे मन में उठ रहे हैं उन्हें इला को चीट्ठी लिखकर बताओ| चिट्ठी की रुपरेखा नीचे दी गई है|
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प्रिय इला
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तुम्हारा/तुम्हारी
उत्तर- परीक्षा भवन, दिल्ली
18 मार्च, 2009
प्रिय इला,
मैं तुम्हारी स्थिति को देखकर सोचती हूँ उतनी ही पीड़ा का अनुभव करती हूँ| मैं सोचती के तुन्हें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा| साथ ही मेरे मन में तुम्हारे लिए सच्ची सहानुभूति और प्रेम है| तुम्हारी जैसी साहसी लड़की को अपना मित्र बनाना चाहती हूँ|
तुंहारा/तुम्हारी
क.ख.ग.
सवाल हमारे, जवाब तुम्हारे
प्रशन 1. इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? क्या उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर का कारण भी लिखो|
उत्तर- इला की सुरक्षा और उसके काम करने की गति को लेकर स्कूल वाले चिंतित थे| उनका चिंता करना सही था, क्योंकि इला जैसे छात्र को इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
प्रश्न 2. इला की कशीदाकारी में ख़ास बात क्या थी?
उत्तर- इला की कशीदाकारी मी लखनऊ और बंगाल की झलक थी| उसने कठियावाड़ी टाँकों के साथ-साथ अन्य कई टाँके इस्तेमाल किए थे| पतियों को चिकनकारी से सजाया था| डंडियों को कांथा से उभरा था| उसके डिजाइनों में नवीनता का मिश्रण देखने को मिलता था|
प्रश्न 3. सही के आगे(√ ) क निशाँ लगाओ|
इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि…
* परीक्षा के लिय उसने अच्छी तैयारी नहीं की थी|
* वह परीक्षा पास करना नही चाहती थी|
* लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न – पत्र पूरे नहीं कर पाती थी|
* उसको पढ़ी करना कभी अच्छा लगा ही नहीं|
उ त्तर- इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी|
प्रश्न 4. क्या इला अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ कने का मौका नहीं देते?
उत्तर- अगर इला के आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ कने का मौका नहीं देते, तो इला अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना नहीं सीख पाती|
कशीदाकारी
प्रश्न 1.(क) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधितकई शब्द आए है| उनकी सूचि बनाओ| अब देखो की इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे|
( ख ) नीचे दी गई सूची में से किन्ही दो से संबंधित शब्द ( संज्ञा और क्रिया दोनों ही ) इकट्ठा करो|
फुटबाल , बुने ( ऊन ) , बागबानी , पतंगबाजी
उ त्तर-(क) पल्लू, टाँके, बेल-बूट, कढ़ाई, कशीदाकारी सुई, पिरोना, रेशम, परिधान|
(ख) बुनाई – ऊन, सिलाई, फंदे, एक घर, धागा, डिजाइन, फंदे डालना आदि|
पतंगबाजी – साड़ी, मांझा, पंग, चर्खी, कन्नी देना, उड़ाना आदि|
प्रश्न 2. एक सदा रुमाल लो या कपडा काटकर बनाओ| उस पर पाठ्यपुस्तक में(पृष्ठ संख्या- 46) दिए गए टाँको में से किसी एक टाँके का इस्तेमाल करते हुए बड़ों की माद से कढ़ाई करो|
उत्तर- सभी छात्र/छात्राएँ अध्यापक की सहायता से स्वयं करें|